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ऐतिहासिक जीत! भारत के इन दो खिलाडियों ने Paris Paralympic  में जीता डबल मैडल, पढ़े पूरी खबर

thebetterindia 3 months ago 0 2

भारतीय स्टार पैरा एथलीट निषाद कुमार और प्रीति पाल ने रविवार को पेरिस पैरालिंपिक में अपने-अपने इवेंट में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। टोक्यो में रजत पदक जीतने वाले निषाद कुमार ने पेरिस में अपने प्रदर्शन को दोहराया और पुरुषों की टी47 ऊंची कूद स्पर्धा में 2.04 मीटर की छलांग लगाकर सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टी47 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है, जिनके कोहनी या कलाई के नीचे के अंग कटे हुए या क्षतिग्रस्त हैं।

प्रीति पाल ने जीता कांस्य पदक

वहीं, प्रीति पाल ने महिलाओं की 200 मीटर टी35 स्पर्धा में 30.01 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता। पेरिस में यह उनका दूसरा कांस्य पदक है। इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर टी35 स्पर्धा में भी 14.21 सेकंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता था। टी35 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है, जिनमें समन्वय संबंधी विकार होते हैं।

पहली बार प्रीति ने ट्रैक स्पर्धा में देश के लिए पदक जीता

मेरठ की रहने वाली 23 वर्षीय प्रीति का कांस्य पदक पेरिस में पैरा एथलेटिक्स में भारत का दूसरा पदक है। 1984 से 2020 तक भारत ने पैरा एथलेटिक्स में सभी पदक फील्ड स्पर्धाओं में जीते हैं। पहली बार प्रीति ने ट्रैक स्पर्धा में देश के लिए पदक जीता है।

निषाद ने जीता रजत पदक

हिमाचल प्रदेश के स्टार पैरा एथलीट निषाद कुमार के रजत के साथ ही पेरिस पैरालिंपिक में भारत के अब सात पदक हो गए हैं। इनमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य शामिल हैं। इसके साथ ही भारत के पैराशटलर्स ने रविवार को तीन पदक भी सुनिश्चित कर लिए हैं। देश के एथलीटों ने पेरिस ओलंपिक में कुल छह पदक जीते थे, जबकि पैरा-एथलीट पहले ही उनसे आगे निकल चुके हैं।

“मैंने पहले ही तय कर लिया था कि मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। 100 मीटर के बाद मैंने कई टिप्पणियां सुनी थीं। लोगों ने कहा था कि सभी को अपने कर्मों का फल मिलता है। शायद यह मेरे कर्मों का फल है। मैं दोनों पदकों का श्रेय अपने कोच गज्जू भैया (गजेंद्र सिंह) को देता हूं। उनके बिना यह संभव नहीं होता।” – प्रीति पाल, पदक विजेता

“प्रीति पाल के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने पैरालिंपिक 2024 में महिलाओं की 200 मीटर टी35 स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ अपना दूसरा पदक जीता। वह भारत के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनका समर्पण वाकई उल्लेखनीय है।” – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

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