18/06/2024
गंगा दशहरा: एक पावन पर्व
भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर त्योहार का अपना एक विशेष महत्व और अद्वितीय पहचान होती है। उन्हीं महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है गंगा दशहरा। गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जिसे गंगा नदी की अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टिकोणों से अत्यधिक है। माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। गंगा नदी को हिंदू धर्म में पवित्रतम नदियों में से एक माना जाता है और इसका जल मोक्षदायक और पवित्रता प्रदान करने वाला माना जाता है।
गंगा दशहरा की तिथि
गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि आमतौर पर मई या जून महीने में पड़ती है। 2024 में गंगा दशहरा 18 जून को मनाई जाएगी।
गंगा दशहरा की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भागीरथ ने कठोर तपस्या करके मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित करने का वरदान प्राप्त किया था ताकि उनके पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त हो सके। गंगा का अवतरण स्वर्ग से पृथ्वी पर हुआ और उन्होंने अपने पवित्र जल से समस्त पापों का नाश किया। इस कारण गंगा दशहरा का पर्व विशेष महत्व रखता है।
गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन लोग गंगा के तट पर जाकर स्नान करते हैं और मां गंगा की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह हमारे जीवन को पवित्रता, शांति और समृद्धि से भरने का एक अवसर भी प्रदान करता है। इस पावन पर्व पर हमें गंगा नदी के संरक्षण और स्वच्छता की भी शपथ लेनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस पवित्र नदी के लाभों का आनंद उठा सकें। गंगा दशहरा का पर्व हमें अपने भीतर की पवित्रता को जागृत करने और एक सच्चे, निर्मल और धार्मिक जीवन जीने की प्रेरणा देता है।