भारत को पछाड़ आगे हुआ अफ़ग़ानिस्तान, किसानों के छूटे पसीने
भारतीयों में आयातित वस्तुओं का जबरदस्त क्रेज है। आयातित सामान चाहे ब्यूटी प्रोडक्ट हो, सब्जियां हों या फल, सभी का जादू लोगों के बीच खूब चलता है। अब कुछ ऐसा ही सेब के साथ भी हो रहा है। इस समय भारतीय बाजार में इम्पोर्टेड सेबों की धमक बढ़ती जा रही है। साल 2023-24 के दौरान सेब के आयात में 33.98 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। इससे हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के सेब के किसान परेशान हैं।
5 लाख टन से अधिक विदेशी सेब आया
भारत में आयातित सेबों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। केंद्र सरकार की एजेंसी कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के अनुसार, भारत ने 2023-24 में 5.1 लाख टन सेब का आयात किया, जो 2022-23 के 3.7 लाख टन से अधिक है। यानी करीब 34 प्रतिशत की वृद्धि।
कहां से आ रहे हैं सेब
भारत में सेब मुख्य रूप से ईरान, तुर्की, इटली, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और अमेरिका से आयात किए जाते हैं। हाल के वर्षों में इन देशों से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। उदाहरण के लिए, वर्ष 2023-24 में ईरान से सेब का आयात 1.37 लाख टन तक पहुंच गया। यह वर्ष 2022-23 के 80,346 टन से 71.77 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह, तुर्की से आयात 2023-24 में 9 प्रतिशत बढ़कर 1.17 लाख टन हो गया, जबकि 2022-23 में यह 1.07 लाख टन था।
कहां से आ रहे हैं सेब
हाल के वर्षों में अफगानिस्तान से सेब के आयात में नाटकीय रूप से 2400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 के दौरान भारत ने अफगानिस्तान से 1,508 टन सेब का आयात किया। यह वर्ष 2023-24 में बढ़कर 37,837 टन हो गया। कुछ लोग इसे ‘तालिबान सेब‘ भी कह रहे हैं। इसके अलावा पोलैंड से सेब का आयात 2023-24 में 33,409 टन रहा, जो 2022-23 में 26,323 टन था। दक्षिण अफ्रीका से आयात 2022-23 में 19,256 टन से बढ़कर 2023-24 में 27,738 टन हो गया, जबकि अमेरिका से आयात 2022-23 में 4,486 टन से बढ़कर 2023-24 में 20,540 टन हो गया।
आयात शुल्क कम होने से आयात बढ़ा भारत ने पिछले साल जून में ही आयातित सेब पर कस्टम ड्यूटी कम कर दी है। पहले आयातित सेब पर 75 फीसदी ड्यूटी लगती थी, जिसे जून 2023 में घटाकर 50 फीसदी कर दिया गया। सेब बागवान इस ड्यूटी को बढ़ाकर 100 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष नरेश चौहान ने बातचीत में कहा कि विदेशी सेब भारतीय सेब से सस्ते हैं। इसके चलते भारतीय सेब की मांग में कमी आई है। उनका कहना है कि सस्ते विदेशी सेब के कारण हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के हजारों बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
अफगानिस्तान से प्याज भी आ रहा
इस समय भारतीय बाजार में अफगानिस्तान से भी ‘प्याज‘ आ रहा है। लोग इसे ‘तालिबान प्याज‘ भी कह रहे हैं। दरअसल, घरेलू बाजार में प्याज के दाम बढ़ने के बाद कुछ व्यापारी पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रहे हैं। यह प्याज पंजाब के अमृतसर ही नहीं, बल्कि दिल्ली के बाजारों में भी पहुंच रहा है। इससे नासिक और मध्य प्रदेश से आने वाले प्याज के दाम में कुछ नरमी आई है।