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Will there be a war on the roads of Delhi! Police engaged in investigation

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नियमित जांच के दौरान एक बाइक सवार को जांच के लिए रोका तो उससे ज़िंदा कारतूसों से भरे कुछ डिब्बे जब्त हुए  हैं।

अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि यह जब्ती पश्चिम दिल्ली में उस समय की गई, जब पुलिस ने मोटरसाइकिल पर सवार एक व्यक्ति को रोका। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार अपना वाहन और कुछ अन्य सामान छोड़कर भाग गया।

सीसीटीवी फुटेज की हो रही जांच

जांच करने पर टीम ने एक बैग से कारतूस बरामद किए और सामने आया कि मोटरसाइकिल भी चोरी की थी। पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि मोटरसाइकिल में 10 डिब्बों में 500 कारतूस थे। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। अधिकारी ने बताया कि हम आरोपी की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं।

आखिर कहां से आएं जिंदा कारतूस

शनिवार को शाम करीब 7 बजे नियमित वाहन जांच के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने मोटरसाइकिल को रोका। पुलिस के रोकते ही बाइक सवार मोटरसाइिकल और अपना सामान छोड़कर भागने में सफल रहा। पुलिस ने बाइक की जांच की। इस दौरान अधिकारियों को बैग और मोटरसाइकिल के भीतर 500 जिंदा कारतूसों से भरे 10 बॉक्स मिले। आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ये 500 जिंदा कारतूस कहां से आए।

आतंकी मॉड्यूल से कनेक्शन तो नहीं?

यह जब्ती चिंताजनक है क्योंकि हथियारों के विपरीत, गोलियों का निर्माण स्थानीय स्तर पर नहीं किया जा सकता है। संदेह है कि या तो किसी आतंकी मॉड्यूल या किसी जेल में बंद गैंगस्टर ने गोला-बारूद की खरीद में साजिश रची होगी। पुलिस अपने भंडार में किसी भी तरह की विसंगति के लिए बंदूक घरों की भी सावधानीपूर्वक जांच कर रही है।

भारी पड़ सकता है इंटेलिजेंस फेलियर

सोचने वाली बात ये है की रोज़ाना दिल्ली की सड़कों पर इतनी आवाजाही होती है की सब पर नज़र रख पाना मुमकिन नहीं है, लेकिन जब एक बाइक सवार से 500 के करीब ज़िंदा कारतूस मिल सकते हो तो कार, बस और ट्रक से कितना असलाह इधर से उधर किया जा सकता है, या दिल्ली में कोई बड़ा हमला करने की कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है

पिछले 5 सालों में दिल्ली में पड़के गए ज़िंदा हथियार की घटनाये

दिल्ली में पिछले 5 सालों में ज़िंदा हथियार (जैसे बम या विस्फोटक उपकरण) मिलने की घटनाएं चिंता का विषय रही हैं। हालांकि इन घटनाओं की संख्या सीमित है, लेकिन इनका प्रभाव बड़ा होता है और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती पेश करता है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण दिया गया है:

  • जनवरी 2022: गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी मिलने की घटना – जनवरी 2022 में, दिल्ली के गाजीपुर फूल मंडी में एक संदिग्ध बैग मिला, जिसमें आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) था। पुलिस और एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) की त्वरित कार्रवाई के कारण समय पर इसे निष्क्रिय किया गया। इस घटना ने राजधानी की सुरक्षा को लेकर नई चिंता उत्पन्न की थी।
  • दिसंबर 2021: सीमा सुरक्षा बल द्वारा हथियार बरामदगी – 2021 के अंत में, दिल्ली के सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने कुछ इलाकों में छापेमारी करते हुए कई ज़िंदा हथियार और विस्फोटक उपकरणों की बरामदगी की थी। इस छापेमारी में कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया गया था, जो दिल्ली में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में थे।
  • फरवरी 2020: शाहीन बाग प्रोटेस्ट साइट पर हथियार बरामद – शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के दौरान, कुछ संदिग्धों से ज़िंदा हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए थे। हालांकि, इन हथियारों का प्रदर्शन से सीधा संबंध नहीं पाया गया, लेकिन इसने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा था।
  • अगस्त 2019: आतंकियों के ठिकानों से हथियार और विस्फोटक बरामद – दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अगस्त 2019 में आतंकवादियों के एक गुट को पकड़ा था, जो राजधानी में हमले की योजना बना रहा था। उनके ठिकानों से ज़िंदा हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। इस ऑपरेशन से पुलिस ने कई बड़े हमलों को विफल किया था।
  • सितंबर 2018: मेट्रो स्टेशन के पास बम मिलने की अफवाह – सितंबर 2018 में दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन के पास संदिग्ध बैग मिलने की सूचना से अफरातफरी मच गई थी। हालांकि, बाद में यह बैग खतरे से खाली पाया गया, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी को चुनौती दी थी।