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Warning : Dog Activeness!

टिक्स और पिस्सू जैसे छोटे कीड़े पालतू जानवरों जैसे डॉग्स,कैट्स और गाये  और स्ट्रे डॉग्स  के लिए बहुत खतरनाक हो सकते हैं। ये कीड़े न केवल जानवरों की त्वचा में खुजली और जलन पैदा करते हैं बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं। भारत जैसे देश में, जहाँ तापमान और उमस  दोनों ज्यादा रहते  हैं, टिक्स और पिस्सू का इन्फेक्शन बढ़ जाता है। ThebetterIndia.in के  इस आर्टिकल में, हम चर्चा करेंगे कि हम अपने पेट डॉगस या स्ट्रे  डॉग्स जिनकी देखभाल हम करते है उन्हें  को इन खतरनाक कीड़ों से कैसे बचाया जाए।

टिक्स और पिस्सू के खतरे

टिक्स और पिस्सू  डॉग्स न केवल परेशान करने वाले कीड़े हैं; वे कई घातक बीमारियाँ भी फैलाते हैं। टिक्स लाइम रोग, बेबेसियोसिस और एर्लिचियोसिस जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं, जो कुत्तों के लिए घातक हो सकते हैं। वहीं, पिस्सू हेमोबार्टोनेलोसिस जैसी बीमारियों को फैलाने में मदद करते हैं। यह संक्रमण एनीमिया और कमजोरी का कारण बन सकता है। अगर इन कीड़ों को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह जानवरों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

  • नियमित रूप से नहलाना और संवारना – अपने डॉग्स को नियमित रूप से नहलाना टिक्स और पिस्सू को दूर रखने का एक शानदार तरीका है। आप टिक्स और पिस्सू से लड़ने के लिए बाजार में उपलब्ध शैंपू का उपयोग कर सकते हैं। ये शैंपू उन कीड़ों को मारने और दूर रखने में मददगार होते हैं। इसके अलावा, अपने पालतू जानवरों की नियमित रूप से संवारना (बाल काटना और कंघी करना) करें ताकि उनकी त्वचा साफ और कीट-मुक्त रहे।
  • एंटी-फ्ली और टिक कॉलर का उपयोग – पालतू जानवरों के लिए दुकानों में उपलब्ध एंटी-फ्ली और टिक कॉलर भी एक प्रभावी उपाय हैं। ये कॉलर पालतू जानवरों के पास कीड़ों को आने से रोकते हैं। कॉलर विशेष रूप से उन जानवरों के लिए फायदेमंद होते हैं जो बहुत समय बाहर बिताते हैं। ये कॉलर इन टिक्स और पिस्सू  को जानवर के शरीर पर चिपकने से पहले ही मार देते हैं।
  • घरेलू उपचार – नीम का तेल टिक्स और पिस्सू को दूर रखने का एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। नीम के तेल में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-कीट गुण होते हैं, जो इन खतरनाक कीड़ों को मारने में मदद करते हैं। इसे अपने पालतू जानवर के शरीर पर हल्के से लगाएं। इसके अलावा नारियल का तेल त्वचा को आराम पहुंचाने और टिक्स को दूर रखने में भी मदद करता है।

स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल – स्ट्रीट डॉग्स अक्सर ऐसी जगहों पर घूमते हैं, जहां कीड़ों का प्रकोप बहुत ज़्यादा होता है। ऐसे में उन्हें टिक्स और पिस्सू से बचाना एक चुनौती हो सकती है। हालांकि, कुछ आसान उपाय हैं जिन्हें हम अपना सकते हैं

  • सामूहिक प्रयास – स्थानीय पशु कल्याण संगठनों के साथ मिलकर स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल सामूहिक रूप से की जा सकती है। ये संगठन अक्सर बड़े पैमाने पर कुत्तों को नहलाने और उन्हें टिक्स और पिस्सू से बचाने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। आप स्वयंसेवक के तौर पर ऐसे प्रयासों में हिस्सा ले सकते हैं।
  • कीटनाशक स्प्रे का इस्तेमाल – जिन सार्वजनिक जगहों पर स्ट्रीट डॉग्स रहते हैं, वहां कीटनाशक स्प्रे का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे उन जगहों पर टिक्स और पिस्सू की वृद्धि को रोका जा सकता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह स्प्रे जानवरों के लिए हानिकारक न हो।
  • एंटी-टिक दवाइयाँ – एंटी-टिक दवाइयाँ उन स्ट्रीट डॉग्स के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं, जिनके संपर्क में आप अक्सर आते हैं। ये दवाइयां टिक्स और पिस्सू को मारने और दूर रखने में मददगार हैं। इस प्रक्रिया में स्थानीय पशु चिकित्सकों की मदद ली जा सकती है।

टिक्स और पिस्सू के लिए सफाई का महत्व  – पालतू जानवरों को ही नहीं, बल्कि उनके आस-पास के वातावरण को भी साफ रखना बहुत जरूरी है। टिक्स और पिस्सू गंदे और नमी वाले स्थानों पर पनपते हैं। इसलिए घर में बिस्तर, सोफा, कालीन आदि को नियमित रूप से साफ करें। इसके अलावा, अगर आपके पालतू जानवर का बिस्तर बाहर है, तो उसे समय-समय पर धूप में रखकर साफ करें।

पशु चिकित्सक से नियमित जांच  – पालतू जानवरों और गली के कुत्तों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है कि आप उन्हें नियमित रूप से पशु चिकित्सक के पास ले जाएं। डॉक्टर न केवल टिक्स और पिस्सू से बचाव के उपाय बताएंगे, बल्कि अगर वे किसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो समय रहते उपचार भी करेंगे।

पालतू जानवरों और गली के कुत्तों दोनों के लिए टिक्स और पिस्सू से बचाव जरूरी है। सही समय पर सही उपाय करके हम उन्हें इन खतरनाक कीड़ों से बचा सकते हैं और उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। घर में साफ-सफाई बनाए रखना, नियमित रूप से साफ-सफाई करना और पशु चिकित्सक से परामर्श लेना इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कदम हैं। इसके अलावा सामूहिक प्रयासों से गली के कुत्तों को भी इन कीड़ों के प्रकोप से बचाया जा सकता है।

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